हम नौकरी करने के लायक रह ही नहीं गए है. प्रबंधन का प्रबंधन करना हमारे बस की बात नहीं है, दुनिया भर के मैनेजमेंट गुरु entrepreneurship पर मोटी मोटी किताबें लिखते हैं, पर कोई ये नहीं बताता की एक अच्छी नौकरी में, बॉस के ईगो और सहकर्मियों की असुरक्षाओं को सँभालते हुए, और इन्फ्लेशन से कम इन्क्रीमेंट पर ज़्यादा धयान नहीं देते हुए, ईमानदारी से कैसे बना रहा जाए.

मन की दुनिया में मन की बात करने की आज़ादी अब बनी है !